मुंबई 19 मार्च । महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी जल्दी ही भारतरत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में विशेष भाषा शिखर साहित्य सम्मान प्रदान करेगी। यह सम्मान हिंदी साहित्य में अतुलनीय योगदान देने वाले मूर्धन्य साहित्यकार को प्रदान किया जायेगा। यह महत्वपूर्ण घोषणा महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन एवं सांस्कृतिक कार्य मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए की।
यह गरिमापूर्ण समारोह मुंबई के बांद्रा स्थित रंग शारदा सभागार में मंगलवार, 18 मार्च, 2025 की शाम सम्पन्न हुआ, जिसमें वर्ष 2024-25 के लिए विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कार वितरित किये गये। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलार ने इस मौके पर अपने सम्बोधन में कहा कि महाराष्ट्र की भूमि मराठी के साथ-साथ हिंदी साहित्य और भाषा के संवर्धन के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र देश का केवल एकमेव ऐसा राज्य है, जहॉं दस भाषाओं की अकादमियॉं सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इन सभी भाषाओं के संवर्धन हेतु महाराष्ट्र सरकार अधिकाधिक प्रयास करती दिखेगी। शेलार ने कहा कि भाषा समाज को जोडने और संस्कारों के संवर्धन का महत्वपूर्ण माध्यम है। इसलिए अच्छे बाल साहित्य की निर्मिती पर अधिक ज़ोर दिया जाना चाहिये, ताकि हमारी आने वाली पीढी भी छत्रपति संभाजी राजे और तारा रानी जैसे महानायकों तथा भारत की समृद्ध एवं अनमोल धरोहर से परिचित हो सके। इस अवसर पर सभी का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने अकादमी की विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस समारोह में कुल 46 साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है और विशेष उल्लेखनीय बात यह है कि इस साल से विभिन्न पुरस्कारों की राशि दो गुना कर दी गई है। इसके फलस्वरूप सर्वोच्च पुरस्कार दो लाख रुपये का दिया जा रहा है। कार्याध्यक्ष डाॅ. दुबे ने पुरस्कार राशि में इस उल्लेखनीय बढ़ोतरी के लिए महाराष्ट्र सरकार का आभार व्यक्त किया। पुरस्कार वितरण समारोह की शुरुआत सांस्कृतिक राज्य मंत्री और विभिन्न गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और महाराष्ट्र राज्य गीत के साथ हुई। इस अवसर पर पुण्य श्लोका अहिल्यादेवी होलकर की 300 वीं जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में सुरुचिपूर्ण नाटक के प्रभावशाली मंचन ने सभी को अभिभूत कर दिया। बाद में सांस्कृतिक कार्य मंत्री और अन्य अतिथिगणों द्वारा विभिन्न पुरस्कारों का वितरण किया गया। इस वर्ष अखिल भारतीय सम्मान जीवन गौरव पुरस्कारों में ‘महाराष्ट्र भारती अखिल भारतीय हिंदी सेवा पुरस्कार’ के लिए सुप्रसिद्ध साहित्यकार रामकृष्ण सहस्त्रबुद्धे तथा ‘डॉ. राम मनोहर त्रिपाठी अखिल भारतीय हिंदी सेवा पुरस्कार’ के लिए सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. (डाॅ.) श्रीराम परिहार को सम्मानित किया गया।
राज्य स्तरीय सम्मान जीवन गौरव पुरस्कारों के अंतर्गत ‘छत्रपति शिवाजी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’ राजेश कुमार मिश्र उर्फ राजेश विक्रांत को, ‘साने गुरुजी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’ ऋषिकुमार मिश्र को, ‘पद्मश्री अनंत गोपाल शेवडे हिंदी सेवा पुरस्कार’ डॉ. संजय सिंह को, ‘डॉ. उषा मेहता हिंदी सेवा पुरस्कार’ डॉ. सुष्मिता भट्टाचार्य को, ‘गजानन माधव मुक्तिबोध मराठी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ प्रो (डॉ.) विजयकुमार रोडे को, ‘कांतिलाल जोशी इतर हिंदी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ गीता माणेक को, ‘व्ही. शांताराम ललित कला हिंदी विशिष्ट सेवा पुरस्कार’ अखिलेंद्र मिश्र को तथा ‘सुब्रमण्य भारती हिंदी सेतु विशिष्ट सेवा पुरस्कार’ शीला डोंगरे को प्रदान किया गया। इनके अलावा अकादमी के 14 विधा पुरस्कारों के अंतर्गत कुल 36 साहित्यकारों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किये गये। आई पी एस अधिकारी कृष्ण प्रकाश और उद्योगपति राजेंद्र सिंह को भी उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों के लिए सम्मानित किया गया।
इस समारोह में मंच पर सांस्कृतिक कार्य मंत्री और कार्याध्यक्ष के अलावा महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी की उपाध्यक्षा डॉ. श्रीमती मंजू लोढ़ा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुधाकर मिश्र, फिल्म सिटी के पूर्व उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्र, वरिष्ठ आर टी आई एक्टिविस्ट अनिल गलगली और वरिष्ठ पत्रकार विमल मिश्र विराजमान थे। सभागार में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सभी सदस्यों और पुरस्कार विजेताओं के परिजनों सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी शामिल हुए।समारोह का सुरुचिपूर्ण सूत्र संचालन वरिष्ठ मंच संचालक आनंद प्रकाश सिंह और वरिष्ठ टीवी पत्रकार प्रसाद काथे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। अंत में अकादमी के सदस्य सचिव और सह निदेशक सचिन निंबालकर ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। इस अविस्मरणीय समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।