विले पार्ले स्थित तिलक विद्यालय के विशाल प्रांगण में लगभग तीन हज़ार दर्शकों की उपस्थिति में आयोजित गानप्रभा हृदयेश संगीत महोत्सव के गरिमामय समारोह के समापन दिवस के अवसर पर निरंतर लोकप्रिय होती त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका “सृजनिका “ के चौथे अंक का विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के सूचना प्रौद्योगिकी एवं सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलार ने किया।
“सृजनिका” के सम्पादक डॉ. अमरीश सिन्हा ने उन्हें पत्रिका के एक वर्ष पूर्ण होने एवं इसकी सफल साहित्यिक यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। शेलार ने सृजनिका” पत्रिका के साहित्यिक अवदानों की सराहना करते हुए कहा कि साहित्य और संस्कृति दोनों समाज को संवेदनशील और समृद्ध बनाते हैं। लोकार्पण के वक्त मंच पर विभिन्न विधाओं के कलाकारों के अतिरिक्त संगीत सम्मेलन से सम्बद्ध कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।हृदयेश आर्ट्स संस्था की ओर से आयोजित यह 34 वां वार्षिक सम्मेलन था।संस्था के अध्यक्ष अविनाश प्रभावलकर ने बताया कि संस्था द्वारा प्रति वर्ष शास्त्रीय संगीत का यह सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जिसे मुंबई के सबसे बड़े संगीत सम्मेलन का खिताब प्राप्त है।
तीन दिनों से चले आ रहे इस प्रातः-सांध्य कालीन समारोह के तीसरे दिन के आयोजन में पद्म विभूषण बाँसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने समाज सेवी तथा शास्त्रीय गायकी की वरिष्ठ कलाकार डॉ. प्रभा अत्रे की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी पुष्पांजलि दी। लोकप्रिय बाँसुरी वादक रूपक कुलकर्णी और गायक जयतीर्थ मेउंडी की जुगलबंदी को दर्शकों की मुक्तकंठ से सराहना मिली। निष्णात एवं लब्ध प्रतिष्ठित गायक पंडित उल्हास कशालकर की प्रस्तुति पर पर सभी दर्शक मस्ती में सराबोर हो उठे। इससे पूर्व आशीष शेलार ने डॉ. प्रभा अत्रे को श्रद्धांजलि दी तथा उनके सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन पर प्रकाश डाला। साथ ही, उनके साथ अपनी यादों को दर्शकों के साथ साझा किया। दर्शक उन्हें सुनकर भावुक हो गए। जाने-माने मंच प्रस्तोता, वरिष्ठ कवि और “सृजनिका” के सह सम्पादक आनंद प्रकाश सिंह ने त्रि-दिवसीय संगीत सम्मेलन का एकल मंच संचालन किया और दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।